Thursday 29 August 2019

बच्‍चा चोर : अफवाह या सच

बच्‍चा चोर : अफवाह या सच 

इन दिनों मेरे शहर कानपुर में बच्‍चा चोरी की अफवाह बहुत तेजी से फैल रही है। कुछ समय पहले उत्‍तर प्रदेश में ऐसी अफवाह फैली कि जो भी रात में सोया तो वह पत्‍थर का बन जाएगा। लाखों लोगों तक पहुंची इस सूचना के चलते लोग रात भर जागते रहे।

इसी तरह 2012 में दुनिया के ख़तम होने की अफवाह फैली। कानपुर समेत कई इलाकों में मुहनुच्वा, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में कलाबंदर की अफवाह, चोटी कटवा समेत कई तरह की अफवाहों को देशभर में फैलते देखा गया। अब बच्चा चोर की अफवाह महाराष्ट्र के कई शहरों से होते हुए राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीगढ़ के बाद यूपी के कानपुर, फतेहपुर, हमीरपुर, उन्नाव, कानपुर देहात समेत कई शहरों में फैल चुकी है।


इन अफवाहों में शेयर की जाने वाली तस्वीरें, वीडियो, आंकड़े और सूचना झूठी और गलत होती है। ऐसी अफवाहों को सच साबित करने के लिए कुछ ऐसे वीडियो शेयर किए जाते हैं, जिनमें आरोपी को पीटा गया होता है और वह बदहवासी की हालत में होता है। इस स्थिति में भीड़ के कुछ लोग उसे आरोपी बता रहे होते हैं। आरोपी को भीड़ बोलने ही नहीं देती और उसे लगातार पीटा जा रहा होता है। ऐसे में आप भीड़ की बात को सही मान लेते हैं।

अफवाह की सामग्री में कुछ फोटोशॉप की गई तस्‍वीरें होती हैं। जो असल में किसी दूसरे देश या जगह में कभी किसी दुर्घटना, हादसे, दंगे की होती हैं। इनको अफवाह के साथ की घटना का अंश बता दिया जाता है। कुछ तस्‍वीरों में किसी शख्‍स की आवाज भी सुनाई दे रही होती है जो उसे संबंधित घटना के साथ जोड़ते हुए सही बता रहा होता है।

कई मामलों में वीडियो किसी दूसरे देश, जगह, घटना, के होते हैं, जिन्‍हें वर्तमान अफवाह के साथ जोड़ कर दिखाया जाता है। कुछ अफवाह सामग्री में टेक्‍स्‍ट मैटर और आंकड़े भी लिखे होते हैं जो गलत होते हैं। वाट्सएप के जरिए लोगों तक एक साथ ऐसी सामग्री पहुंचती है तो वह उसे सही मान लेते हैं।

किसी भी तस्‍वीर, वीडियो या वाइस ओवर या बयान में पुख्‍ता जानकारी नहीं दी जाती है। जैसे, वह तस्‍वीर किस शहर, समय और मामले की है। तस्‍वीर में दिख रहे लोग कौन हैं, उनका नाम पता क्‍या है। तस्‍वीरों में दिखने वाली पुलिस किस शहर की है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि पुख्‍ता जानकारी मिलने पर आप उसे सर्च करके जांच लेंगे और मामले को पहचान जाएंगे कि यह तो झूठ है।

जानकार लोग बताते हैं कि इस तरह की अफवाहों के जरिए लोगों को डराने, भड़काने, द्वेष, नफ़रत फैलाने और लोगों को एक तरह की सोच बनाने के इरादे से किया जाता है। इन अफवाहों के कारण लोग आक्रामक हो जाते हैं और बिना सच्‍चाई जाने आरोपी को पीटने और मार डालने पर आमादा हो जाते हैं। यहां तक कि उस व्‍यक्ति की हत्‍या कर देते हैं। इस तरह के वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर तैरते दिख जाते हैं।

अफवाह के जरिए एक भीड़ को तैयार किया जाता है जो किसी को भी पीटने, हत्या करने को तैयार रहती है। आप इस हत्यारी भीड़ का हिस्सा ना बनें। अगर कोई ऐसी घटना सामने आती है तो जो भी लोग आरोपी हैं उन्हें मारने की बजाय पकड़कर रखें, पूछताछ करें और संबंधित पुलिस को तत्काल सूचना दें, खुद ही हत्यारे न बनें।

इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। हां, अपने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है। वह बच्चों के स्कूल, खेलने की जगहों, उनके आने जाने वाले रास्तों पर निगरानी जरूर रखें।

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