बॉलीवुड में भुतिहा फिल्मों के जनक कहे जाने वाले रामसे ब्रदर्स को उनकी कम बजट की हॉरर फिल्मों के मामले में कोई भी निर्माता निर्देशक टक्कर नहीं दे पाया। विभाजन के बाद पाकिस्तान से सबकुछ छोड़कर आए रामसे ब्रदर्स ने अपनी मेहनत के बलबूते बॉलीवुड में सिक्का जमाया। सात भाइयों के ग्रुप रामसे बद्रर्स के श्याम रामसे का 18 सितंबर मंगलवार को बीमारी के बाद निधन हो गया। जबकि, एक एक भाई तुलसी कुमार की पिछले साल 2018 में मौत हो चुकी है। रामसे ब्रदर्स फिल्म वीराना, पुराना मंदिर, बंद दरवाजा जैसी सुपरहिट रहने वाली फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
तीन फिल्में फ्लॉप चौथी ने शोहरत दिलाई, सिनेमाघर हाउसफुल हो गए
पाकिस्तान के कराची और लाहौर शहर में इलेक्ट्रॉनिक का बिजनेस करने वाले एफयू रामसे को विभाजन के दौरान पाकिस्तान छोड़ना पड़ा। पाकिस्तान में जमे जमाए काम के छूटने और भारत में आकर बस गए। मुंबई में रहते हुए उन्होंने लैमिंग्टन रोड पर इलेक्ट्रॉनिक का व्यापार शुरू किया। हिंदी सिनेमा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए एफयू रामसे फिल्ममेकिंग में उतर गए। इस काम को स्टैब्लिश करने में उनके सात बेटों ने बड़ा रोल निभाया। 1954 में उन्होंने शहीद ए आजम भगत सिंह, 1963 में रुस्तम शोहराब और 1970 में एक नन्हीं मुन्ही लड़की जैसी फिल्मों का निर्माण किया। इन फिल्मों को बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी। 1971 में हॉरर फिल्म दो गज जमीन के नीचे को बड़ी सफलता हासिल हुई। आलम ये हुआ कि फिल्म रिलीज होते ही हाउसफुल हो गई और सिनेमाघर मालिकों को हाउसफुल के बोर्ड टांगने पड़ गए।
बॉलीवुड में भुतिहा फिल्मों की नींव रखी
एफयू रामसे के फिल्मों में उतरने के साथ ही उनके सभी 7 बेटे भी इंडस्ट्री में कूद पड़े और एक साथ मिलकर काम करना शुरू किया। उनके बेटों को बॉलीवुड में रामसे ब्रदर्स के नाम से पहचान मिलने लगी। तीन अच्छी कहानियों पर बनाई फिल्मों को फ्लॉप और भुतिहा फिल्म दो गज जमीन के नीचे को अपार सफलता मिलने के बाद रामसे ब्रदर्स ने दर्शकों की नब्ज पकड़ कर हॉरर जॉनर की फिल्मों को बनाना शुरू कर दिया। बॉलीवुड में जब फिल्मों को 40 से 50 लाख रुपये में बनाया जा रहा था तब रामसे ने सिर्फ 3.5 लाख रुपये में फिल्म दो गज जमीन के नीचे बनाकर मोटा रुपया कमा लिया था। उस वक्त तक बॉलीवुड में भुतिहा फिल्मों पर कोई भी प्रोड्यूसर पैसा लगाने के लिए राजी नहीं होता था। लेकिन रामसे ब्रदर्स ने बॉलीवुड में भुतिहा फिल्मों की नीव रखी।
70-80 के दशक में बॉक्स ऑफिस के बेताज बादशाह बने
रामसे ब्रदर्स ने हॉरर फिल्मों पर काम जारी रखा और 1980 में दूसरी हॉरर फिल्म गेस्ट हाउस को पर्दे पर लेकर आए, जिसे खूब पसंद किया गया। बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों के चलन को शुरू किया और इसे मशहूर भी किया था। 1970 से 1980 के बीच रामसे ब्रदर्स ने दर्जनों हॉरर फिल्में बनाईं, जिन्हें दर्शकों ने खूब पसंद किया। इसके बाद वीराना, पुराना मंदिर, पुरानी हवेली, दरवाजा, बंद दरवाजा समेत 30 से ज्यादा हॉरर फिल्मों को सिनेमाघरों में उतारा। खास बात ये रही कि इन सभी फिल्मों ने जबरदस्त कमाई की और सुपरहिट श्रेणी में शामिल हो गईं। रामसे ब्रदर्स की आखिरी फिल्म 'कोई है' 2107 में आई थी। 7 साल तक धुआंधार चलने वाली टीवी सीरीज जी हॉरर शो के लिए मशहूर हुए श्याम रामसे और तुलसी कुमार ने मिलकर इसे बनाया था। श्याम रामसे के भाई तुलसी कुमार की 2018 में मौत हो गई। इसके बाद मंगलवार 18 सितंबर को रामसे भाइयों में एक और मुखिया श्याम रामसे की मुंबई के एक अस्पताल में मौत हो गई।..NEXT
जानिए: मुहर्रम में क्यों निकलते हैं ताजिया, कौन था यजीद और किसने किया था इमाम हुसैन का कत्ल
कई हजार ईसा पूर्व पैदा हुये अजूबे
पाकिस्तान से आए रामसे ब्रदर्स ने बॉलीवुड में चलाया भुतिहा सिनेमा, कोई नहीं दे सका टक्कर
तीन फिल्में फ्लॉप चौथी ने शोहरत दिलाई, सिनेमाघर हाउसफुल हो गए
पाकिस्तान के कराची और लाहौर शहर में इलेक्ट्रॉनिक का बिजनेस करने वाले एफयू रामसे को विभाजन के दौरान पाकिस्तान छोड़ना पड़ा। पाकिस्तान में जमे जमाए काम के छूटने और भारत में आकर बस गए। मुंबई में रहते हुए उन्होंने लैमिंग्टन रोड पर इलेक्ट्रॉनिक का व्यापार शुरू किया। हिंदी सिनेमा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए एफयू रामसे फिल्ममेकिंग में उतर गए। इस काम को स्टैब्लिश करने में उनके सात बेटों ने बड़ा रोल निभाया। 1954 में उन्होंने शहीद ए आजम भगत सिंह, 1963 में रुस्तम शोहराब और 1970 में एक नन्हीं मुन्ही लड़की जैसी फिल्मों का निर्माण किया। इन फिल्मों को बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी। 1971 में हॉरर फिल्म दो गज जमीन के नीचे को बड़ी सफलता हासिल हुई। आलम ये हुआ कि फिल्म रिलीज होते ही हाउसफुल हो गई और सिनेमाघर मालिकों को हाउसफुल के बोर्ड टांगने पड़ गए।
बॉलीवुड में भुतिहा फिल्मों की नींव रखी
एफयू रामसे के फिल्मों में उतरने के साथ ही उनके सभी 7 बेटे भी इंडस्ट्री में कूद पड़े और एक साथ मिलकर काम करना शुरू किया। उनके बेटों को बॉलीवुड में रामसे ब्रदर्स के नाम से पहचान मिलने लगी। तीन अच्छी कहानियों पर बनाई फिल्मों को फ्लॉप और भुतिहा फिल्म दो गज जमीन के नीचे को अपार सफलता मिलने के बाद रामसे ब्रदर्स ने दर्शकों की नब्ज पकड़ कर हॉरर जॉनर की फिल्मों को बनाना शुरू कर दिया। बॉलीवुड में जब फिल्मों को 40 से 50 लाख रुपये में बनाया जा रहा था तब रामसे ने सिर्फ 3.5 लाख रुपये में फिल्म दो गज जमीन के नीचे बनाकर मोटा रुपया कमा लिया था। उस वक्त तक बॉलीवुड में भुतिहा फिल्मों पर कोई भी प्रोड्यूसर पैसा लगाने के लिए राजी नहीं होता था। लेकिन रामसे ब्रदर्स ने बॉलीवुड में भुतिहा फिल्मों की नीव रखी।
70-80 के दशक में बॉक्स ऑफिस के बेताज बादशाह बने
रामसे ब्रदर्स ने हॉरर फिल्मों पर काम जारी रखा और 1980 में दूसरी हॉरर फिल्म गेस्ट हाउस को पर्दे पर लेकर आए, जिसे खूब पसंद किया गया। बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों के चलन को शुरू किया और इसे मशहूर भी किया था। 1970 से 1980 के बीच रामसे ब्रदर्स ने दर्जनों हॉरर फिल्में बनाईं, जिन्हें दर्शकों ने खूब पसंद किया। इसके बाद वीराना, पुराना मंदिर, पुरानी हवेली, दरवाजा, बंद दरवाजा समेत 30 से ज्यादा हॉरर फिल्मों को सिनेमाघरों में उतारा। खास बात ये रही कि इन सभी फिल्मों ने जबरदस्त कमाई की और सुपरहिट श्रेणी में शामिल हो गईं। रामसे ब्रदर्स की आखिरी फिल्म 'कोई है' 2107 में आई थी। 7 साल तक धुआंधार चलने वाली टीवी सीरीज जी हॉरर शो के लिए मशहूर हुए श्याम रामसे और तुलसी कुमार ने मिलकर इसे बनाया था। श्याम रामसे के भाई तुलसी कुमार की 2018 में मौत हो गई। इसके बाद मंगलवार 18 सितंबर को रामसे भाइयों में एक और मुखिया श्याम रामसे की मुंबई के एक अस्पताल में मौत हो गई।..NEXT
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