अनुवादक : दो भाषाओं का ज्ञान बनाएगा आपको महान
रिजवान खान
एक सफल अनुवादक बनने की खातिर भाषा पर पकड़ होना आपके करिअर को बुलंदियों पर पहुंचा देता है। दो या दो से अधिक भाषा का ज्ञान होना सफलता की डगर को में चार चांद लगा देता हैै। अनुवाद का मानव सभ्यता और संस्कृति के विकास में बहुत ही दर्शनीय योगदान है। दरअसल अनुवाद एक पुल की तरह कार्य करता है जो दो भाषाओं, दो संस्कृतियों और दो सभ्यताओं को आपस में जोड़ता है। भूमंडलीकरण के इस दौर में अनुवादकों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ रही है।
नौकरी की असीम संभावनाएं
अनुवाद करने वालों के लिए प्रकाशन हाउसेस में हमेशा स्थान होता है। अखबार और पत्रिकाओं में भी अनुवादक का बहुत काम होता है, इसलिए प्रिंट मीडिया में भी अनुवादकों के लिए अच्छे-खासे अवसर मौजूद होते हैं।
निजी क्षेत्र के अलावा सरकारी संस्थानों में भी अनुवादकों के लिए रोजगार के कई अवसर उपलब्ध होते हैं। राजनीतिक पार्टियों को भी अनुवादकों की भारी मात्रा में जरूरत होती है।
कई लोग अनुवाद को केवल हिदी और अंग्रेजी के साथ जोड़कर ही देखते हैं। जबकि ऐसा नहीं है, अनुवाद के संदर्भ में हिदी और अंग्रेजी का क्षेत्र बहुत विशाल है, इसके साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी अनुवादक के लिए तमाम अवसर उपलब्ध हैं। यदि हम अपने देश के बारे में बात करें तो हिदी के अलावा गुजराती, मराठी, कन्नड़, तमिल जैसी भाषाओं में भी अनुवादकों के लिए अपार संभावनाएं हैं।
इनका रख्ों ध्यान
अनुवादक के रूप में काम करने के लिए पहली शर्त यही होती है कि जिन दो भाषाओं के अनुवाद का काम आप करना चाहते हैं, उन दोनों पर आपका पूरा अधिकार हो, उन दोनों भाषाओं का व्याकरण, पंक्चुएशन, फारमेटिंग के साथ दोनों भाषाओं के सौंदर्य की समझ होना भी बहुत जरूरी है।
श्ौक्षिक योग्यता
अनुवादक के पास किन्ही दो भाषाओं के साथ-साथ ग्रेजुएट की डिग्री होनी चाहिए, यदि आप पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री रखते हैं तो एक अनुवादक के रूप में आपकी योग्यता में वृद्धि होती है। अनुवाद के क्षेत्र में बढ़ते अवसरों को देखते हुए कई विश्वविद्यालयों ने अनुवाद में एक वर्ष का डिप्लोमा और डिग्री कोर्स भी प्रारंभ किया है। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेकर भी अनुवाद में महारत हासिल की जा सकती है।
कार्य प्रसार
प्रूफ-रीडर के कार्य क्षेत्र में लेखक द्बारा हस्त लिखित अथवा वास्तविक प्रति का कंप्यूटर द्बारा प्रिंटेड प्रति से मिलान करना, उसमें गल्तियों को छांटना तथा उसके लिए उचित चिन्हों का प्रयोग करना शामिल होता है। कार्य को कुशलता पूर्वक व दिए गये समय के अंदर पूरा करने के लिए किसी भी पूफ-रीडर का भाषा पर पकड़ होना बहुत आवश्यक हैà, एकाग्रता तथा शांतिपूर्ण माहौल का होना भी इसके लिए बेहद जरूरी है।
संभावनाओं का सागर
जहां तक इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं का सवाल है, तो इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। प्रकाशन उद्योग के बढ़ते बाजार ने पब्लिशिग हाउसों तथा समाचार-पत्रों आदि में कुशल पूफ-रीडरों की मांग बढ़ा दी है। वैसे अनुभव, व्याकरण आदि पर थोड़ी-सी अतिरिक्त मेहनत तथा कंप्यूटर ( डीटीपी) की जानकारी आपके लिए प्रूफ- रीडर से सह-संपादक तक का मार्ग खोल सकती है। इस क्षेत्र में आप पार्ट-टाइम या फ्रीलांसर के तौर पर कार्य करके भी अच्छी आय का जुगाड़ कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी भी पब्लिशिग हाउस या समाचार पत्र के संपादकीय विभाग में व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं। हालांकि अधिकांश पत्रों में यह कार्य समाचार डेस्क के सदस्यों द्बारा ही पूर्ण कर लिया जाता है।
कुछ बिंदु जो हैं बेहद जरूरी
अच्छा है स्कोप
भागदौड़ भरी जीवन श्ौली ने आज लोगों के पास से वक्त को छीन लिया है, जिस कारण अभिवावकों के पास समय की कमी है और वो अपने बच्चे के होमवर्क पर ध्यान नहीं दे पाते है। जिसका परिणाम उनके बच्चे की विफलता के रूप में सामने आता है। इस समस्या से बचने की खातिर और अपने बच्चे को इस प्रतियोगी दौर में सबसे आगे ले जाने की खातिर अभिवावकों में होमट्यूटर की सेवाएें लेना चलन बढ़ा है। जोकि होमट्यूटर के लिए नौकरी पाने व घर बैठे पैसे कमाने अच्छा जरिया साबित हो रहे हैं।
होमट्यूटर का कार्य
सामान्यतय: होमट्यूटर का कार्य एक छात्र को उसकी क्षमताओं से अवगत कराना व उन्हें विकसित कर उसे एक सफल इंसान बनाना होता है। आज के दौर में होम ट्यूटर की मार्के ट में अच्छी खासी डिमांड है, होमट्यूटर की सेवाओंं का पारिश्रमिक भी ठीक-ठाक ही होता है। अक्सर होमट्यूटर का वेतन उसकी विषय नॉलेज पर भी निर्भर करता है।
सफल होने के केंद्रबिंदु
एक सफल व प्रसिद्ध होमट्यूटर बनने की खातिर आपमें एक विषय विश्ोष पर पकडु होना बेहतर साबित होता है।
आपमें सब्जेक्ट को आसान भाषा में समझाने की कला का होना, आपको नई पहचान देता है।
एक से ज्यादा भाषाओं व करेंट की जानकारी आपको इस क्ष्ोत्र में अच्छा वेतनभोगी बनाती है।
आपका भाषा के साथ-साथ व्याकरण में पकड़ बेहद मजबूत होनी चाहिए, साथ ही समसामयिक खबरों से भी जागरूक होना चाहिए।
नौकरी की असीम संभावनाएं
अनुवाद करने वालों के लिए प्रकाशन हाउसेस में हमेशा स्थान होता है। अखबार और पत्रिकाओं में भी अनुवादक का बहुत काम होता है, इसलिए प्रिंट मीडिया में भी अनुवादकों के लिए अच्छे-खासे अवसर मौजूद होते हैं।
निजी क्षेत्र के अलावा सरकारी संस्थानों में भी अनुवादकों के लिए रोजगार के कई अवसर उपलब्ध होते हैं। राजनीतिक पार्टियों को भी अनुवादकों की भारी मात्रा में जरूरत होती है।
कई लोग अनुवाद को केवल हिदी और अंग्रेजी के साथ जोड़कर ही देखते हैं। जबकि ऐसा नहीं है, अनुवाद के संदर्भ में हिदी और अंग्रेजी का क्षेत्र बहुत विशाल है, इसके साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी अनुवादक के लिए तमाम अवसर उपलब्ध हैं। यदि हम अपने देश के बारे में बात करें तो हिदी के अलावा गुजराती, मराठी, कन्नड़, तमिल जैसी भाषाओं में भी अनुवादकों के लिए अपार संभावनाएं हैं।
इनका रख्ों ध्यान
अनुवादक के रूप में काम करने के लिए पहली शर्त यही होती है कि जिन दो भाषाओं के अनुवाद का काम आप करना चाहते हैं, उन दोनों पर आपका पूरा अधिकार हो, उन दोनों भाषाओं का व्याकरण, पंक्चुएशन, फारमेटिंग के साथ दोनों भाषाओं के सौंदर्य की समझ होना भी बहुत जरूरी है।
श्ौक्षिक योग्यता
अनुवादक के पास किन्ही दो भाषाओं के साथ-साथ ग्रेजुएट की डिग्री होनी चाहिए, यदि आप पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री रखते हैं तो एक अनुवादक के रूप में आपकी योग्यता में वृद्धि होती है। अनुवाद के क्षेत्र में बढ़ते अवसरों को देखते हुए कई विश्वविद्यालयों ने अनुवाद में एक वर्ष का डिप्लोमा और डिग्री कोर्स भी प्रारंभ किया है। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेकर भी अनुवाद में महारत हासिल की जा सकती है।
प्रूफरीडर : शब्दों को दें नई जिंदगी
यूं तो मौजूदा दौर में कैरियर बनाने के लिए बहुत से विकल्प हैं, लेकिन शिक्षा के बाजारीकरण ने इसे और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। अपनी योग्यता तथा क्षमता का सही उपयोग कर आप इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं। और यदि आप हिदी या अंग्रेजी अथवा दोनों भाषाओं पर आपकी अच्छी पकड़ है, तो प्रूफ-रीडिग में आपके लिए अच्छी संभावनाएं बन सकती हैं। साथ ही किसी अन्य क्षेत्रीय भाषा की जानकारी आपके लिए और भी लाभदायक हो सकती है।कार्य प्रसार
प्रूफ-रीडर के कार्य क्षेत्र में लेखक द्बारा हस्त लिखित अथवा वास्तविक प्रति का कंप्यूटर द्बारा प्रिंटेड प्रति से मिलान करना, उसमें गल्तियों को छांटना तथा उसके लिए उचित चिन्हों का प्रयोग करना शामिल होता है। कार्य को कुशलता पूर्वक व दिए गये समय के अंदर पूरा करने के लिए किसी भी पूफ-रीडर का भाषा पर पकड़ होना बहुत आवश्यक हैà, एकाग्रता तथा शांतिपूर्ण माहौल का होना भी इसके लिए बेहद जरूरी है।
संभावनाओं का सागर
जहां तक इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं का सवाल है, तो इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। प्रकाशन उद्योग के बढ़ते बाजार ने पब्लिशिग हाउसों तथा समाचार-पत्रों आदि में कुशल पूफ-रीडरों की मांग बढ़ा दी है। वैसे अनुभव, व्याकरण आदि पर थोड़ी-सी अतिरिक्त मेहनत तथा कंप्यूटर ( डीटीपी) की जानकारी आपके लिए प्रूफ- रीडर से सह-संपादक तक का मार्ग खोल सकती है। इस क्षेत्र में आप पार्ट-टाइम या फ्रीलांसर के तौर पर कार्य करके भी अच्छी आय का जुगाड़ कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी भी पब्लिशिग हाउस या समाचार पत्र के संपादकीय विभाग में व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं। हालांकि अधिकांश पत्रों में यह कार्य समाचार डेस्क के सदस्यों द्बारा ही पूर्ण कर लिया जाता है।
कुछ बिंदु जो हैं बेहद जरूरी
- प्रूफ-रीडिग के लिए आवश्यक एकाग्रता के लिए आप नियमित ध्यान एवं योग आदि की भी सहायता ले सकते हैं।
- भाषा पर अच्छी पकड़ के लिए नियमित रूप से हिदी तथा अंग्रेजी भाषा के समाचार पत्र पढ़ना लाभदायक साबित हो सकता है।
- शब्द कोश (डिक्शनरी) आदि का अधिक उपयोग करना सीखें।
- प्रूफ-रीडिग के आवश्यक चिन्हों के लिए प्रकाशन विभाग , भारत सरकार द्बारा प्रकाशित तथा बाजार में उपलब्ध अन्य पुस्तकों की मदद ली जा सकती है।
- कंप्यूटर की आवश्यकतानुसार जानकारी के लिए आप छोटी अवधि का डीटीपी कोर्स भी कर सकते हैं , जो किसी भी संपादकीय विभाग में कार्य करने के लिए मददगार सिद्ध हो सकता है।
होमट्यूटर: सफलता के पीछे है इनका हाथ
अक्सर हमने देखा व सुना है कि हर सफल पुरूष के पीछे एक महिला का हाथ होता है। ठीक उसी तरह एक सफल विद्यार्थी के पीछे उसके अध्यापक का हाथ होता है। अगर आप भी अध्यापक बनना चाहते हैं, लेकिन किसी कारणवश आप ऐसा नहीं कर पाए हैं तो, आपके पास एक होम ट्यूटर बनने का अच्छा विकल्प मौजूद है।अच्छा है स्कोप
भागदौड़ भरी जीवन श्ौली ने आज लोगों के पास से वक्त को छीन लिया है, जिस कारण अभिवावकों के पास समय की कमी है और वो अपने बच्चे के होमवर्क पर ध्यान नहीं दे पाते है। जिसका परिणाम उनके बच्चे की विफलता के रूप में सामने आता है। इस समस्या से बचने की खातिर और अपने बच्चे को इस प्रतियोगी दौर में सबसे आगे ले जाने की खातिर अभिवावकों में होमट्यूटर की सेवाएें लेना चलन बढ़ा है। जोकि होमट्यूटर के लिए नौकरी पाने व घर बैठे पैसे कमाने अच्छा जरिया साबित हो रहे हैं।
होमट्यूटर का कार्य
सामान्यतय: होमट्यूटर का कार्य एक छात्र को उसकी क्षमताओं से अवगत कराना व उन्हें विकसित कर उसे एक सफल इंसान बनाना होता है। आज के दौर में होम ट्यूटर की मार्के ट में अच्छी खासी डिमांड है, होमट्यूटर की सेवाओंं का पारिश्रमिक भी ठीक-ठाक ही होता है। अक्सर होमट्यूटर का वेतन उसकी विषय नॉलेज पर भी निर्भर करता है।
सफल होने के केंद्रबिंदु
एक सफल व प्रसिद्ध होमट्यूटर बनने की खातिर आपमें एक विषय विश्ोष पर पकडु होना बेहतर साबित होता है।
आपमें सब्जेक्ट को आसान भाषा में समझाने की कला का होना, आपको नई पहचान देता है।
एक से ज्यादा भाषाओं व करेंट की जानकारी आपको इस क्ष्ोत्र में अच्छा वेतनभोगी बनाती है।
आपका भाषा के साथ-साथ व्याकरण में पकड़ बेहद मजबूत होनी चाहिए, साथ ही समसामयिक खबरों से भी जागरूक होना चाहिए।
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