Thursday, 20 June 2013

पास करो नेट लाइफ करो सेट





वक्त कागज और कलम की गुफ्तगू का




यूजीसी नेट, जेआरएफ एंट्रेंस एग्जाम
एग्जाम डेट : 3० जून

बस अब वक्त है आपकी मेहनत को रंग चढ़ाने का। अगर आप यूजीसी द्बारा आयोजित की जाने वाली नेशनल इलेजिबिलिटी टेस्ट [नेट] ओर जूनियर रिसर्च फेलोशिप [जेआरएफ] की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं और बेहतर अंकों के साथ सफल होना चाहते हैं, तो आपके लिए बेहतर यही है कि इस वक्त आप सिर्फ रिवीजन करें। अगर आप रिवीजन इस कम वक्त को मैनेज करके बेहतरी से करते हैं, तो निश्चित ही आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। लेकिन सफलता पाने के लिए प्रॉपर प्लानिंग करनी होगी, और उसी के अनसार परीक्षा की तैयारी को यूटीलाइज करना होगा।
नेट एग्जाम में आप बेहतर परफार्म तभी कर पाएंगे, जब आप एग्जाम की तैयारी सिलेबस के अकार्डिंग करेंगे। आम तौर पर आप ने अब तक इस एग्जाम की प्रिपरेशन भी शुरू कर चुके होंगे। लेकिन अब समय है इसे फाइनल टच देने का। कई स्टूडेंट्स बेहतर पढ़ाई करने के बावजूद रिविजन के अभाव में परीक्षा में सफल नहीं हो पाते हैं। इसका मेन रीजन यह है कि वे एग्जाम प्रिपरेशन को फाइनल टच नहीं दे पाते हैं।
 

एग्जाम पैटर्न

इस एग्जाम को प्रमुख रूप से तीन पेपरों में बांटा गया है। इस परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप ही सवाल पूछे जाते हैं।

पहला पेपर

पहला पेपर जनरल एप्टीट्यूड का होता है। यह पेपर सभी कैंडीडेट्स के लिए कॉमन होता है, इसके तहत रीजनिंग, कांप्रीहेंशन, डायवर्जेंट थिंकिंग से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। इन सवालों के जरिए कैंडीडेट्स की नॉलेज चेक किया जाता है। यह पेपर 1०० मार्क्स व सवा घंटे की समयसीमा का होता है। इस पेपर में 6० सवाल होते हैं जिसमें से अभ्यर्थी को 5० हल करने होते हैं।

दूसरा पेपर

यह पेपर सब्जेक्ट बेस्ड होता है, इसमें कैंडीडेट द्बारा सेलेक्ट किए गए सब्जेक्ट से ही सवाल पूछे जाते हैं। इस पेपर में पचास सवाल होते हैं जोकि साल्व करना कंपल्सरी होता है। इस पेपर की समयसीमा पहले पेपर की तरह ही सवा घंटे होती है, यह पेपर टोटल 1०० मार्क्स का होता है।

तीसरा पेपर

यह पेपर भी सब्जेक्ट बेस्ड होता है। इस पेपर में कुल 75 प्रश्न होते हैं, जिनमें सभी को हल करना होता है, हालांकि यह पेपर अन्य पेपर्स की तुलना में सवा दो घंटे की समयसीमा का होता है। इस पेपर में सब्जेक्ट से जुड़ी गहन नॉलेज सवालों के जरिए चेक की जाती है। इस पेपर में 15० मार्क्स का होता है।

क्वालीफाइंग पर्सेंटेज

इस एग्जाम में जहां जनरल कैंडीडेट्स को पहले और दूसरे पेपर में 4०-4० पर्सेंट लाने होते हैं जबकि तीसरे पेपर में 5० पर्सेंट, और टोटल क्वालीफाइंग 65 लाना होता है। वहीं ओबीसी को पहले-दूसरे पेपर में 35-35 पर्सेंट व तीसरे पेपर में 45 पर्सेंट जबकि टोटल क्वालीफाइंग पर्सेंट 6० होता है। एससी व एसटी कैंडीडेट के लिए पहले-दूसरे पेपर में 35-35 पर्सेंट जबकि टोटल क्वालीफाइंग पर्सेंट 55 होता है। इसलिए कैंडीडेट्स को क्वालीफाइंग पर्सेंट को ध्यान में रखकर तैयारी करनी होती है।
 

स्पीड,एक्यूरेसी और टाइमिंग

इस परीक्षा में आप तभी सफल हो सकते हैं, जब आप स्पीड,एक्यूरेसी और टाइमिंग का ध्यान रखेंगे। ऑब्जेक्टिव टाइप के एग्जाम्स में इसकी बहुत इंपार्टेंस होती है। आपके लिए बेहतर होगा कि निर्धारित समय सीमा के अंदर प्रश्नों को एक्यूरेसी के साथ साल्व करने की प्रैक्टिस आपके लिए हमेशा फायदेमंद रहेगी।
इस परीक्षा में बेहतर मार्क्स तभी ला सकते हैं, जब आपकी अपने विषय पर पकड़ होगी। इस कारण सबसे पहले आप अपनी विषय से रिलेटेड प्रश्नों का हल करें। बाजार मे इससे संबंधित काफी पुस्तक उपलब्ध होते हैं। करेंट रिसर्च पर गहरी निगाह रखें। इस परीक्षा की तैयारी कुछ दिनों में संभव नहीं है। इसकी पूरी तैयारी आप तभी कर पाएंगे, जब आप प्लानिग से तैयारी करेंगे।
 

सब्जेक्ट पर कमांड

क्वेश्ंचस का लेवल पोस्टग्रेजुएट के सिलेबस के अनुसार ही होता है। इस लिए यह जरूरी हो जाता है कि आपको अपने विषय पर कमांड हो। बेहतर स्ट्रेटेजी मेंटेन करके आप अपनी बुक्स को रिवाइज करें। अब समय कम है बनाए गए नोट्स को दोहराएं। इस तरह की प्लनिंग से फायदा यह होगा कि आप कम समय में बेहतर तैयारी कर पाएंगे और परीक्षा के समय बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

नोट्स प्रिपेयर करें

बाजार में इसके लिए नोट्स भी मिलते हैं। यदि आप चाहें, तो इसकी हेल्प ले सकते हैं। तैयारी के लिए इंपार्टेंट टॉपिक्स को एक जगह नोट भी कर सकते हैं। इस लिस्ट में उन्हीं को शामिल करें, जिससे हर वर्ष या सर्वाधिक प्रश्न पूछे जा रहे हैं। ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्नों में कैंडीडेट्स के लिए तीन टाइप के क्वेश्चंस पूछे जाते हैं। जिनमें पहला-आसान, दूसरा-5०-5० और तीसरा लकी होता है। इसलिए आंसर सोंच समझकर लिखें।

स्कॉलरशिप

परीक्षा में मेरिट के अनुसार सबसे अधिक मार्क्स लाने वाले स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। जहां कुछ उम्मीदवारों को जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी जेआरएफ, वहीं बाकी को नेट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए चुना जाता है। जेआरएफ में चुने गए स्टूडेंट्स को रिसर्च के लिए स्कॉलरशिप दी जाती है, जबकि नेट क्वालीफाई को स्कॉलरशिप नहीं मिलती। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले स्टूडेंटस ही लेक्चरर या रीडर पद के एलिजिबल होते हैं।

आवश्यक योग्यता

अभ्यर्थियों के लिए संबंधित विषय में कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त यूनीवर्सिटी से पोस्टग्रेजुएट होना जरूरी होता है। एससी, एसटी तथा विकलांग व्यक्तियों के लिए 5० प्रतिशत अंकों से पोस्टग्रेजुएट होना जरूरी है। जेआरएफ के लिए उम्र सीमा 19 वर्ष से 28 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।

[कैरियर इंडेवर एकेडमी के करिअर काउंसलर अमर यादव से बातचीत पर आधारित।]


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